(Inspired by “Plenty of Room for Biology at the Bottom – An Introduction to Bionanotechnology; Ehud Gazit”)
“छोटा बच्चा समझके मुझे कम न मापना ! मैं इतना छोटा हूँ की तुम देख भी नही सकते!”
“Don’t count me less just because I am small! I am so small that you cannot even see!”
“लेकिन मैं तुम्हे डूंड लूँगा! हा! हा! एक और जानलेवा हमला!”
“But I can find you! Ha! Ha! One more deadly attack!”
चिरकूट के नानो साइज़्ड दिमाग़ मे यही चल रहा था जब उसे तुरंत एमर्जेन्सी हालात मे राजीव के कॅन्सर युक्त खून मे भेजा गया था.
Chirkut’s nano sized brain was buzzing with these thoughts when he was immediately sent into Rajiv’s cancer infested blood in emergency.
चिरकूट आर्टिफीशियली इंटेलिजेंट नानो वॉरईयर है जिसका जन्म कॅन्सर सेल्स को खून मे डूंड डूंड के मारने के लिए ही हुआ.
Chirkut is an artificially intelligent Nano-warrior, taking birth just to find and kill cancer cells in the blood.
चिरकूट अपने पूर्वजों से अलग है. उसके पूर्वज भी लड़ाकू थे लेकिन उन्हे बाइ डिज़ाइन शहीद होना पड़ता था. उनमे इतनी केमिकल समझदारी नही थी.
Chirkut was different from it’s predecessors. They were also fighters but by design the had to be martyred; not possessing enough chemical intelligence.
चिरकूट समझदार है, वो शहीद होने नही, सिकंदर बनने के लिए आया है!
Chirkut is intelligent. He didn’t come to die as a martyr, but to live as a victor!